TU APANE BHEETAR JHANK BAWALE AURA NE CHHOD LYRICS NARENDRA KAUSHIK
तू अपने भीतर झाँक बावळे,
और ना छोड़, (दूसरों को छोड़ )
सबकी टोटा कमी फिरे जे,
निंदा चुगली खूब करे जा,
बण रहा घणा चालाक बावळे,
और ना छोड़,
तू अपने भीतर झाँक बावळे,
और ना छोड़,
घूमे जा सै जग सारे में,
सोचे ना खुद के बारे में,
तेरी मिच (बंद ) रही दोन्यूं आँख बावळे,
और ना छोड़,
तू अपने भीतर झाँक बावळे,
और ना छोड़,
कोन्या माणस नीत खरी का,
मुख में राखे नाम हरी का,
छुरी दबा रहा काख बावळे,
और ना छोड़,
तू अपने भीतर झाँक बावळे,
और ना छोड़,
हो ज्या “रामधन” (रामधन कागसरिया-लेखक) अमर कहाणी,
कगसरिये लिख सच्ची वाणी,
मत ना झूठी आंक बावळे,
और ना छोड़,
तू अपने भीतर झाँक बावळे,और ना छोड़,