PILO RANGAVO JI LYRICS RAJASTHANI FOLK
पाँच मोहर को सायबा पिळो (चुनरी -बच्चे के जन्म के उपरान्त ओढ़ी जाने वाली चुनरी ) रंगावो जी
हाथ बतीसी गज बीसी गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी
पिळो रंगावो जी
दिल्ली शहर से सायबा पोत मंगावो जी
जैपर का रंगरेज बुलावो गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी
पिळो रंगावो जी
पिला तो पल्ला सायबा बन्धन बन्धाऊँ जी
अध बीच चाँद छपाऊँ गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी
पिळो रंगावो जी
रंग्यो ऐ रंगाय जच्यां होया संजोतो जी
पण बेरे माएं पकड़यो जी गाढा मारूं जी
पिळो रंगावो जी
पिळो रंगावो जी
पिळो तो औढ़ म्हारी जच्चा पाटे पर बैठी जी
दयोराणी जेठाणी मुखड़ो मोड्यो गाढा मारूं जी
पिळो रंगवो जी
पिळो रंगावो जी
पिळो तो औढ़ म्हारी जच्चा सर्वर चाली जी
सारो ही सहर सरायो गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी
पिळो रंगावो जी