O GARIB NAWAJ MERI BANH FAD LE LYRICS
गुरु गोविन्द दोउ खड़े, काके लागूं पाँय,
बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोविन्द दियो मिलाय,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बांह फड़ ले,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बाँह फड़ ले,
मेन्नु पार करण दी, हामी भर ले,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बांह फड़ ले,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बाँह फड़ ले।
जिन राही मेरा सतगुरु आवे,
उस राह फुल्ल बिछावां,
चरण कमल दी धूल लेके,
मस्तक उत्ते लावां,
जे तेरी कृपा होवे सतगुरु,
जे तेरी कृपा होवे सतगुरु,
दिल दा हाल सुणावा,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बांह फड़ ले,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बाँह फड़ ले।
अपने सतगुरु लइ,
हृदय पलंग बिछावा,
पलकां दी मैं सेज बना के,
फुलां नाळ सजावा,
जे तेरी कृपा होवे सतगुरु,
जे तेरी कृपा होवे सतगुरु,
घर विच दर्शन पावां,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बांह फड़ ले,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बाँह फड़ ले।
अपने सतगुरु दे द्वारे,
देखे अजब नज़ारे,
भव सागर तो डूबदे जांदे,
लक्खा पापी तारे,
जे तेरी कृपा होवे सतगुरु,
भव सागर तर जावां,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बांह फड़ ले,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बाँह फड़ ले।
चारों कोने कीचड़ भरा,
किस तरह मैं धोवा,
साबन थोड़ा मैल वखेरी,
बैठ किनारे रोवा,
जे तेरी कृपा होवे सतगुरु,
जे तेरी कृपा होवे सतगुरु,
पल विच उजली होवा,
ओ ग़रीब नवाज़ मेरी बांह फड़ ले,
ओ गरीब नवाज़ मेरी बाँह फड़ ले।
ओ ग़रीब नवाज़ मेरी, बांह फड़ ले,
ओ गरीब नवाज़ मेरी, बाँह फड़ ले।