Hindi Lyrics

माँ कैसा जुलम गुज़ारा मैं बूढ़े गेल्याँ ब्याही लिरिक्स MA KAISA JULAM GUJARA ME BUDHE GELYA BYAHI LYRICS

MA KAISA JULAM GUJARA ME BUDHE GELYA BYAHI LYRICS

हे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा,
मैं बूढ़े गेल्याँ (साथ) ब्याही,
हे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा,
मैं बूढ़े गेल्याँ ब्याही,

बूढ़े का आग्या साळा,
वो मेरा बढ़ा भाई,
हे माँ मैंने पकड़ा झोळा,
बूढ़ा तो हो ग्या धोळा,
हे माँ मैंने छुंकी सब्जी,
बूढ़े के हो गई कब्जी,
हे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा,
मैं बूढ़े गेल्याँ ब्याही,

हे माँ मैंने मारा मरडा,
बूढ़ा तो हो ग्या करड़ा,
हे मैं दमदम महला चढ़गी,
बूढ़ा भी गेल्याँ चढ़ ग्या,
हे माँ मैंने भेड़ी खिड़की,
बूढ़े में मारी कुड़की,
हे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा,

मैं बूढ़े गेल्याँ ब्याही,

हे माँ मैंने आई हाँसी,
वो बोल्या खाऊँ खांसी,
मैंने खोल दिया दरवाजा,
वो बूढ़ा भीतर आग्या,
वो बूढ़ा मैंने बोल्या,
तन्ने यो कौन घरा बुलाया,
हे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा,
मैं बूढ़े गेल्याँ ब्याही,

मैं बोली सुण ले बुड्ढे,
क्यों कर रहा स मनमाना,
मेरा माँ का जाया भाई,
यो मैंने लेवण आया,
भर के हुक्का ल्याया,
फिर घुट घुट के बतलाया,
हे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा,
मैं बूढ़े गेल्याँ ब्याही,

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