KARO HARI KA BHAJAN YA MANJIL PAAR HO JYAGI LYRICS
करो हरी का भजन, या मंजिल पार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,
इस दुनियाँ में आके बन्दे, कर लीज्ये दो काम,
देणे को टुकड़ा भला और लेणे को नाम,
राम नाम की भूल से बस, दुःख हैं आठों याम,
उठत बैठत चलत फिरत, कभी ना भूलो राम,
ग़फ़लत की ये काया, बेकार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,
करो हरी का भजन, या मंजिल पार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,
चाहिए था कुछ ब्याज कमाणा, आन गवाया मूल,
तेरे जैसा साहूकार पर हो तो पल्ले पड़ेगी धूल,
सेम विषया में पागल होके, खोया जनम फितूर,
खाली हाथ यहाँ से चलके, जाया ही बाणी भूल,
गूंगी होके जीभ तेरी लाचार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,
करो हरी का भजन, या मंजिल पार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,
आशा तृष्णा ममता तज, है दो दिन का मेहमान,
नकली खेल मदारी का देख होवे हैरान,
मनसा वाचा, करम ना सेला, हरी भजन में ध्यान,
थोड़ी सी हिम्मत में खुश हो फेर सुने भगवान,
करल्यो मेहनत हिम्मत में, सोवार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,
करो हरी का भजन, या मंजिल पार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,
राम नाम के सुनीरन में जे थोड़ा सा रुख होय,
जघन कलेश मिटे सारे नहीं तन मन में दुःख होय,
अंत समय जे हरी नाम मुख होय,
चंदरभान संत बतलावे, आगे का सुख होय,
हरी ॐ की नांव की चला, आधार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,
करो हरी का भजन, या मंजिल पार हो ज्यागी,
आगे बरतण हां तेरे पूंजी त्यार हो ज्यागी,