Hindi Lyrics

होणी बणी होण की खातिर, पेश किसी की चली नहीं लिरिक्स HONI BANI HON KI KHATI LYRICS

HONI BANI HON KI KHATI LYRICS

होणी बणी होण की खातिर, पेश किसी की चली नहीं,

करणी जैसी भरणी बन्दे, घड़ी मौत की टली नहीं,

होणी बणी होण की खातिर, पेश किसी की चली नहीं,

करणी जैसी भरणी बन्दे, घड़ी मौत की टली नहीं,

होणी बणी होण की खातिर, पेश किसी की चली नहीं,

करणी जैसी भरणी बन्दे, घड़ी मौत की टली नहीं,

हिरणाकुश ने भगति कर के ईश्वर से वरदान लिया,

जिसकी बिल्ली उसी को म्याऊँ, हरी को दुश्मन मान लिया,

हिरणाकुश ने भगति कर के ईश्वर से वरदान लिया,

जिसकी बिल्ली उसी को म्याऊँ, हरी को दुश्मन मान लिया,

मालिक का अपमान किया, कदे दाल पाप की गली नहीं,

करणी जैसी भरणी बन्दे, घड़ी मौत की टली नहीं,

होणी बणी होण की खातिर, पेश किसी की चली नहीं,

करणी जैसी भरणी बन्दे, घड़ी मौत की टली नहीं,

भस्मासुर ने करी तपस्या, शिव शंकर उलझाया था,

विष्णु जी ने मदद करी, फिर मोहिनी रूप बनाया था,

भस्मासुर ने करी तपस्या, शिव शंकर उलझाया था,

विष्णु जी ने मदद करी, फिर मोहिनी रूप बनाया था,

एक रावण भी पछताया था, एक रावण भी पछताया था,

पर ढिंगा मस्ती पीली नहीं,

करणी जैसी भरणी बन्दे, घड़ी मौत की टली नहीं,

होणी बणी होण की खातिर, पेश किसी की चली नहीं,

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करणी जैसी भरणी बन्दे, घड़ी मौत की टली नहीं,

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