HATH JOD BOLE HANUMAT MAT ROVE RAGHURAAI LYRICS-NARENDRA KAUSHIK
कुण सी निंद्रा सोवे सै आज,
छोटा लिछमण भाई,
हाथ जोड़ बोले हनुमत,
मत रोवो रघुराई,
तन्ने साथ में,
तन्ने साथ में ल्याया था,
यो गलत फैसला मेरा,
ना दो खुद ने दोष राम सब,
टेम घड़ी का फेरा,
फीका पड़ग्या लखन का चेहरा,
कुकर करूँ समाईं,
मत ना करिये छोटा दिल,
सब टळ ज्या गई करड़ाई,
कुण सी निंद्रा सोवे सै आज,
छोटा लिछमण भाई,
हाथ जोड़ बोले हनुमत,
मत रोवो रघुराई,
सुमितरा माँ ने कुण से मुँह से,
ख़बर देवूँगा जाके,
राखो हिम्मत और हौंसला,
धीरज सबर बना के,
पूछेगी मेरे धोरे आके,
जब लिछमण की ब्याही,
देर सही अंधेर नहीं,
मिल ज्यागी कुछ राही,
कुण सी निंद्रा सोवे सै आज,
छोटा लिछमण भाई,
हाथ जोड़ बोले हनुमत,
मत रोवो रघुराई,
दिन निकलण ते पहले हनुमत,
बूँटी कौन पूगावेगा,
दे दो आज्ञा मेरे राम यो,
बजरंग बूँटी ल्यावेगा,
तू जल्दी कुकर (कैसे) आवेगा,
मेरे नहीं समझ आई,
धर दो सर पे हाथ,
चलूँ बण पवन वेग बलदाई,
कुण सी निंद्रा सोवे सै आज,
छोटा लिछमण भाई,
हाथ जोड़ बोले हनुमत,
मत रोवो रघुराई,
आशीर्वाद दिया तेरे तै,
“रामधन” (लेखक रामधन गोस्वामी ) कगसरिया आले,
ओम गुरु की दया बिना,
ना होवे जीत में पाले,
लिखता रहिये बोल निराळे,
कंठ शारदा, कलम हाथ में,
करूँ श्रेष्ठ कविताई,
कुण सी निंद्रा सोवे सै आज,
छोटा लिछमण भाई,
हाथ जोड़ बोले हनुमत,
मत रोवो रघुराई,