Hindi Lyrics

गगन मै थालु रवि चंदु दीपक बने लिरिक्स GAGAN ME THALU RAVI CHANDU DIPAK BANE LYRICS

GAGAN ME THALU RAVI CHANDU DIPAK BANE LYRICS

धनासरी महला १ आरती ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
गगन मै थालु रवि चंदु दीपक बने तारिका मंडल जनक मोती ॥
धूपु मलआनलो पवणु चवरो करे सगल बनराइ फूलंत जोती ॥१॥
कैसी आरती होइ भव खंडना तेरी आरती ॥
अनहता सबद वाजंत भेरी ॥१॥ रहाउ ॥
सहस तव नैन नन नैन है तोहि कउ सहस मूरति नना एक तोही ॥
सहस पद बिमल नन एक पद गंध बिनु सहस तव गंध इव चलत मोही ॥२॥
सभ महि जोति जोति है सोइ ॥

तिस कै चानणि सभ महि चानणु होइ ॥
गुर साखी जोति परगटु होइ ॥
जो तिसु भावै सु आरती होइ ॥३॥
हरि चरण कमल मकरंद लोभित मनो अनदिनो मोहि आही पिआसा ॥
क्रिपा जलु देहि नानक सारिंग कउ होइ जा ते तेरै नामि वासा ॥४॥१॥७॥९॥ 

गगन मै थालु, रवि चंदु दीपक बने,
तारका मंडल, जनक मोती।
धूपु मलआनलो, पवण चवरो करे,
सगल बनराइ फुलन्त जोति॥
कैसी आरती होइ॥
भवखंडना तेरी आरती॥
अनहत सबद बाजंत भेरी॥

Also Read  कवन बनी री तेरी लाली लिरिक्स मीनिंग KAWAN BANI REE TERI LAALI LYRICS MEANING

Leave a Comment