Hindi Lyrics

एक दिन उड़े ताल से हंस फेर नहीं आवेंगे लिरिक्स EK DIN UDE TAAL SE HANS PHER NAHI AAVENGE LYRICS BHAGAT RAM NIVAS JI BHAJAN LYRICS

EK DIN UDE TAAL SE HANS PHER NAHI AAVENGE LYRICS BHAGAT RAM NIVAS JI BHAJAN LYRICS

सतगुरु के दरबार में, और जावो बारम्बार,

भूली वस्तु लखाई दे, सतगुरु है दातार,

एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

हां, एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

लीपे सवा हाथ में धरती, लीपे सवा हाथ में धरती,

काटे बाँस बणावे अरथी, काटे बाँस बणावे अरथी,

संग में तेरे चले ना धरती, तुझे चार उठावेंगे,

एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

हां, एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

या काय तेरी ख़ाक में मिलेगी, या काय तेरी ख़ाक में मिलेगी,

जब ना तेरी पेश चलेगी, जब ना तेरी पेश चलेगी,

जिस में हरी हरी घास उगेगी, ढोर चार जावेंगे,

एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

हां, एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

बिस्तर बाँध कमर हो तगड़ा, बिस्तर बाँध कमर हो तगड़ा,

सीधा पड़ा मुक्ति का पगडा, सीधा पड़ा मुक्ति का पगडा,

जिस में नहीं है कोई झगड़ा मुक्ति पावेंगे,

एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

हां, एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

जो कुछ करि आप ने करनी, जो कुछ करि आप ने करनी,

Also Read  तेरा मेहंदीपुर स दूर भगतणी प्यासी दर्शन की लिरिक्स TERA MEHANDIPUR SA DOOR BHAGATANI PYASI DARSHAN KI LYRICS

बै तो अवश्य होगी भरनी, बै तो अवश्य होगी भरनी,

ऐसे वेद व्यास बरनी कवी कठे जावेंगे,

एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

हां, एक दिन उड़े ताल से हंस, फेर नहीं आवेंगे,

Leave a Comment