DER SAHI ANDHER NAHI SAB HOTI MANNAT PURI LYRICS-NARENDRA KAUSHIK
सीधी नियत राखनियाँ की सुणता राम जरुरी हो,
सीधी नियत राखणया की सुणता राम जरुरी हो,
देर सही, अंधेर नहीं, सब होती मन्नत पूरी हो,
रह ना पाती अधूरी हो,
सीधी नियत राखणयाँ की सुणता राम जरुरी हो,
सबर करें सुख होया करे यूँ कहते बडे बडेरे हो,
शुभ करमा ते बचते देखें, हमने उजड़ डेरे हो,
जिनका दीन ईमान खरा स, मिट ज्या हर मज़बूरी हो,
रह ना पाती अधूरी हो,
सीधी नियत राखणयाँ की सुणता राम जरुरी हो,
सबके मन की जाणण आळा, सबका लेखा ल्ये रा स,
किसको कितना कब देणा स, उसने सब कुछ बेरा स,
सही समय बिन किसे मान की, होती ना मंजूरी हो,
रह ना पाती अधूरी हो,
सीधी नियत राखणयाँ की सुणता राम जरुरी हो,
कीमत का हो राम हिमायती दुनियां सारी कह्या करे,
दुःख सुख ने एक सार जाण के, समझदार सहा करे,
धूप कदे हो छाँव कदे हो, घटदी बढ़ती दुरी हो,
रह ना पाती अधूरी हो,
सीधी नियत राखणयाँ की सुणता राम जरुरी हो,
ओम प्रकाश गुरु का चेला कह रहा कब सर आणा रे,
नश्वर कर्म की चाबी खुल ज्या, दुर्भाग्य का ताला रे,
नाम चुगर न्यूं फैले, महक उठे कस्तूरी हो,
रह ना पाती अधूरी हो,