CHADH CHADH JANA HOGI DARWAJE NIKAS LYRICS
चढ़ चढ़ जाना
हो गी दरवाजे ओ निकास
हो आड़ी तो बोले देवल चारनी रे
अरे देवल दुर्गा घणो तेरो भुँडोडो स्वांग
हे सूणा (सूना) के सुणा आड़ी क्यों खड़ी रे हा
सावरा रे सावरा रे
बादला रे बादला रे
अरे आज गढ़ आळा थे चढ़ चाले हो थारी जान (बारात)
आज गढ़ आळा थे चढ़ चाले हो थारी जान
ऐ गढ़ का रुखाला (निगरानी के लिए ) कुण (किसे) ने छोडस्यो (छोड़ोगे) रे हा
चढ़ चढ़ जाना होगी दरवाजे ओर निकास
हो आड़ी तो बोले देवल चारनी रे
बून्द बून्द बरसे हिवड़े रे देश में
फूल फुलवारी खिल जाये रेत में
ऐसो रंगीलो है सावरिया
ऐसा अलबेला म्हारा सावरिया
आज साथीड़ा (दोस्त) हँस हँस मीठो रे बोल
आज साथीड़ा हँस हँस मीठो रे बोल
कर ले भलाई रे थोड़ो जीवणो रे हां
चढ़ चढ़ जाना , हो गी दरवाजे ओ निकास
हो आड़ी तो बोले देवल चारनी रे
बून्द बून्द बरसे हिवड़े रे देश में
फूल फुलवारी खिल जाये रेत में
ऐसो रंगीलो है सावरिया
ऐसा अलबेला म्हारा सावरिया
सावरा रे सावरा रे
बादला रे बादला रे
म्हारा सावरा रे………